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Nainital पहाड़ों के बीच मे तालों का शहर नैनीताल

उत्तराखंड की पहाड़ियों में बसा एक खूबसूरत पर्यटन स्थल नैनीताल, जो कुमाऊँ पहाड़ों के बीचों - बीच मैंगो आकार के झील के चारों तरफ बसा हैं। इस झील का नाम नैनीताल की देवी "नैना देवी" के नाम पर नैनी झील रखा गया हैं। नैनीताल एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन हैं, जो दिल्ली से पास होने के कारण यहा पर्यटकों की भीड़ लगी रहती हैं, यह जगह हनीमून कपलस के लिए  घूमनें के फेवरेट जगहों मे से एक रहता हैं। नैनी झील - नैनीताल का मुख्य आकर्षण नैनी झील है, यह नैनीताल के बीचों बीच और माल रोड के किनारे बसा हुआ पर्यटको का मुख्य आकर्षण का केंद्र हमेशा से रहा हैं, यहाँ इस झील में नौकायन का बढ़िया इंतजाम रहता है। नैनी झील को शास्त्रों में त्रिऋषि सरोवर के नाम से भी जाना जाता हैं। पुराणों के अनुसार जब नैनीताल मे कुछ ऋषि मुनियों को जब काही पनि नहीं मिला तो उन्होने यहाँ गढ़ा खोदकर मानसरोवर का पानी लाकर यहाँ रख दिया। इस कारण इसके जल का भी अलग महत्व हैं।  नैना देवी मंदिर - यह मंदिर नैनी झील के किनारे पर बसा हुआ हैं, माना जाता हैं, कि यहा देवी सती के नेत्र गिरे थे, जब भगवान शिव सती के मृत देह को लेकर कैलाश पर्वत जा रह

Famous Tourist Places of Kullu Manali

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कुल्लू मनाली के पर्यटक स्थल Tourist Places of Kullu Manali  Manali, Himachal Pradesh  कुल्लू मनाली पर्यटकों के लिए हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है, यहां घूमने के लिए हमें ज्यादा छुट्टियों की जरूरत नहीं पड़ती दो से तीन दिन में आराम से कुल्लू मनाली की सैर करके आ सकते हैं।  कुल्लू मनाली हिमाचल प्रदेश में बसा हुआ खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं, कुल्लू और मनाली दोनों आस पास में बसे हुए हैं, इस कारण पर्यटक जब भी मनाली आते हैं तो कुल्लू भी घूम लेते हैं। यह खूबसूरत हिल स्टेशन विशाल पर्वतों और बर्फ़ों से हमेशा ढका हुआ रहता है, साथ में देवदार के घने जंगल इसकी खूबसूरती को दुगुना बढ़ा देते हैं। इस ब्लॉग में हम आपको कुल्लू मनाली टूर की पूरी जानकारी देने जा रहे हैं, जिसमें कुल्लू मनाली के पर्यटक स्थल, होटल, कब जाना चाहिए और क्या देखना चाहिए सब कुछ।   कुल्लू मनाली का इतिहास  मनाली का नाम हिंदुओं के प्रसिद्ध कानूनविद मनु के नाम पर रखा गया है, पहले इसका नाम मनु आलिया हुआ करता था।   कुल्लू मनाली के पर्यटक स्थल Tourist Places of Kullu Manali  कुल्लू मनाली को तीन पहाड़ियों ने अपने घेरे मे छुपा रखा है। एक प्रस

Dekho Apna Desh Free Trip by Government

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Dekho Apana Desh  देखो अपना देश क्या आप जानते हैं? कि आपके घूमने फिरने का ख़र्च अब सरकार देगी। घूमना फिरना किसको पसन्द नही। हर कोई नये-नये जगहों पर घूमने का शौक़ रखता हैं, लेकिन बजट बिगड़ने के कारण बहुत कम यात्रा कर पाते है। अब इसी शौक़ को ध्यान में रखकर सरकार ने इस योजना " देखो अपना देश" की शुरुआत की है, कि आप अपने घूमने का शौक़ भी पूरा कर ले और पर्यटन विभाग को बढ़ावा भी मिल जाये।          फोटो स्रोत- पर्यटन मंत्रालय देखो अपना देश "देखो अपना देश"  जैसा कि नाम से ही लगा रहा है, कि आज हम देश देखने की बात कर रहे है।जी हां, भारत सरकार के पर्यटन विभाग की तरफ से इस योजना की शुरुआत हाल में ही की गई है। Taj Mahal, India केंद्रीय मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने " देखो अपना देश"  पर्यटन योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद देश के अंदर पर्यटन को बढ़ावा देना है। जिससे ज़्यादा से ज्यादा लोग मनमोहक पर्यटन स्थलों की सैर कर सकें। लेेेकिन यह योजना 2022 तक ही है। अगर आप घूमने के शौक़ीन हैं तो, उठिये और बैग पैकिंग शुरू कर लीजिए। फोटो स्रोत - पर्यटन मंत्राल

Jeep Safari At Jim Corbett National Park

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Jim Corbett - An Adventurous Jeep Safari  जिम कॉर्बेट का खयाल आते ही मन मे जीप सफारी और Adventure Activity करने का मन मचल उठता है और बस बैग पैकिंग शुरू हो जाती है, उस ख्याल को हकीकत मे उतारने के लिए।  Jim Corbett Jeep Safari Jim Corbett - History Of Jim Corbett National Park  Jim Corbett भारत का सबसे पुराना और पहला नेशनल पार्क है, जिसे सन1936 मे लुप्त होते बाघो के देखभाल के लिए बनाया गया था। पहले इसका नाम Heli National Park था , जो उस समय के गवर्नर मरकम हेली के नाम पर रखा गया था, बाद मे इसका नाम जिम कॉर्बेट पड़ा। जेम्स ए. जिम कॉर्बेट एक भारतीय लेखक, दार्शनिक और एक बहुत अच्छे शिकारी भी थे, उस समय इस जंगल का एक खूंखार बाघ ने वहां के गावों में आतंक मचा रखा था, जिसके कारण बहुत से लोगों ने अपनी जान गवा दी, तब सर जिम कॉर्बेट ने उस बाघ को मार कर लोगों की जान बचाई, जिसके कारण बाद मे इस पार्क का नाम सन1957 मे हेली से बदलकर Jim Corbett National Park रखा गया।  Jim Corbett Jeep Safari Distance from Delhi to Jim Corbett दिल्ली से जिम कॉर्बेट की दूरी 232 किमी

Talbehat Fort The Most Haunted Places of India

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Talbehat Fort सीने में कई रहस्य को समेटे हुए हैं  Talbehat Fort भारत में ऐसे बहुत से हौंटेड प्लेस    हैं जहां सूर्यास्त के बाद जाना मना है। उन्हीं में से एक तालबेहात का किला है, जो खूबसूरत वास्तुकला और विशाल होने के साथ-साथ अपने सीने में कई रहस्य को समेटे हुए है।  India's Most Haunted Place In Hindi  कहा जाता है कि 150 साल पहले यहां पर बहुत बड़ी अनहोनी घटना हुई थी, जिसने इस किले के भाग्य को बदल कर रख दिया और इसे एक   हौंटेड प्लेस का नाम दे दिया गया। Mansarovar Lake उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले में स्थित इस तालबेहात गांव में करीब 200 साल पुराना एक किला है। जो तालबेहात किला हौंटेड प्लेस के नाम से प्रसिद्ध है। सन 1850 के आसपास ललितपुर जिला भानपुर के राजा मर्दन सिंह थे, वे तालबेहात कभी कभार आते-जाते रहते थे इसीलिए तालबेहात में उन्होंने एक सुंदर किला बनवाया था। Mandu Fort मांडू किले की रहस्यमय कहानी http://safarekyatra.blogspot.com/2020/06/mandu-fort.html प्रहलाद सिंह, जो मर्दन सिंह के पिता थे, वह यहां पर रहा करते थे। मर्दन सिंह ने 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई के साथ अंग्रेज़ो के

Mandu Fort Hindustan Ka Dil Dekho

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मांडू किले की रहस्यमय कहानी Mandu Fort   Mandu मध्यप्रदेश  का एक ऐसा राज्य जो, अपनी वास्तुकला और प्रेम कहानियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। 11वीं  शताब्दी में  मांडू   तरंगा साम्राज्य का उप-प्रभाग था। यह  इंदौर  से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर यह बसा हुआ है।  यहाँ का अंतिम स्वतन्त्र शासक बाज बहादुर द्वारा मांडू किला का निर्माण 1401 से 1561 के बीच किया गया था।   Mandu Fort In Madhya Pradesh मांडू का किला अपने वास्तुकला और सुंदरता के साथ-साथ अपनी प्रेम कहानी के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। रानी रूपमती और बाज बहादुर की प्रेम कहानी -  विंध्याचल पर्वत पर बसे मांडू का किला आज भी बाज़ बहादुर और रानी रूपमती के प्रेम का गवाह है।  इस किले को  बाज बहादुर ने अपनी रानी रूपमती की याद में बनवाया था। यहां लाखों सैलानी किले को देखने आते हैं, इसकी वास्तुकला बहुत ही उत्कृष्ट है, यहाँ के दर्शनीय स्थलों में हिंडोला महल, शाही इमाम, जहाज महल, रानी रूपमती का पवेलियन,नक्काशीदार गुम्बद आदि वास्तुकला लोगों को अपने तरफ आकर्षित करती हैं। Rupmati Mandap, Madhya Pradesh युद्ध, प्रेम और संगीत से सजा हुआ, यह प्रेम

Tour Of France In India Puducherry

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भारत  देश में फ्रांस की झलक  भारत देश, विभिन्न संस्कृतियों से मिलाजुला कर बना है। चाहे वह अपनी देश की संस्कृति हो, या देश के बाहर की संस्कृति, भारत ने सभी को अपनाया है। उन्हीं में से एक है फ्रांस की संस्कृति। हमारे देश में फ्रांस की झलक।  Puducherry पुडुचेरी , एक खूबसूरत केंद्र शाषित प्रदेश, जो तमिलनाडु के पास बसा हुआ है।  पुडुचेरी के कण-कण में फ्रांस की झलक देखने को मिलती है। चाहे वह यहाँ की जलवायु हो, या लोगों का रहन-सहन, या बोलचाल, हर चीज में फ्रांस की तस्वीर झलकती है। पुडुचेरी शहर पर फ्रांस ने 300 सालों से भी ज्यादा  राज किया था। इस कारण, यहां की वास्तुकला और लोगों के रहन-सहन में फ्रांस की झलक देखने को मिलती है। Description Auroville  Tamil Nadu ऑरिविल - पुडुचेरी का यह जगह, शांति की तलाश में आए लोग के लिये जाना जाता हैं। यहां पर सुनहरा गुंबद बनाया गया है। जो शांति का प्रतीक और काफी आकर्षक है। सेक्रेड हार्ट कैथोलिक चर्च - पुडुचेरी के इस चर्च का निर्माण 1902 में हुआ था। इस चर्च में प्रार्थना तमिल और फ्रेंच में की जाती है। White Town Puducherry  व्हाइट टा

Kachargarh Cave The Largest Natural Cave Of Asia

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कचारगढ़ गुफ़ा, यहाँ दिन में भी डर का माहौल रहता है।  क्या कभी आपने सुना है? इसके बारे में.... Photo source Google कचारगढ़ नाम सुनकर  आपको लग रहा होगा, कि  हम  आपको क्यों ऐसे जगह के  बारे मे बता रहे  हैं , जो देखने लायक है ही नही,  किसी ऐसे जगह के बारे में क्यों बात कर रहे है। जहां कचड़ों का जमावड़ा होगा, जहां आपको जाने से पहले कई बार सोचना होगा, कि ऐसे जगह पर क्यों जाएं।  लेकिन नहीं, ठीक उलट हम आपको इसकी खूबसूरती के बारे में, आज बताने वाले है। Photo source Google भारत में स्थित  कचारगढ़   एशिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक गुफा है। जो महाराष्ट्र के बॉर्डर पर स्थित गोंदिया जिले में है। यह गाँव नक्सलवादी इलाके में पड़ता है, लेकिन फिर भी यह एक खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप मे मशहूर हैं। यहां आस-पास की हरयाली और प्रकृतिक खूबसूरती के कारण यह जगह देखने लायक है। यही कारण है, कि गोदिया आदिवासियों के सिवा बाकी पर्यटक भी यहां खिंचे चले आते है। कचारगढ़  गोदिया आदिवासियों एक तीर्थ स्थान भी है।  कचारगढ़  गोंदिया जाति के देवताओं का निवास स्थान होने के कारण, यह तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।  Photo sourc

Goa Tourist Attractions in Hindi

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 गोवा के पर्यटन स्थल Goa Goa , Honeymoon couples की फेवरेट जगह, जहाँ बीच की खूबसूरती,  Paragliding  की मस्ती, और समंदर की लहरें सब कुछ यहां पर है। गोवा , भारत के महशूर पर्यटन स्थलों में से एक, जहाँ हर उम्र के लोग जाना पसन्द करते हैं। बड़े हो या बच्चे गोवा के बीच पर हर कोई समुद्र की लहरों के साथ खेलता नज़र आता है। Goa जाने का समय अक्टूबर  से  मार्च  का समय गोवा जाने के लिए सबसे अच्छा होता है। इस दौरान देश-विदेश के पर्यटकों की भारी भीड़ यहाँ उमड़ती है। यूं समझिए कि, यह समय गोवा पर्यटन का हाई सीज़न होता है। गोवा के पर्यटन स्थल पालोलेम बीच Palolem Beach –पालोलेम बीच दक्षिण गोवा के कानाकोना में स्थित है। शांतिप्रिय लोगों के लिये पहली पसंद, यहाँ आपको पर्सनल हेडफोन दिए जाते हैं ताकि शोरगुल न हो, और आप संगीत का मजा भी ले सकें। यहाँ आप  स्कूबा डाइविंग  का भी शौक पूरा कर सकतेे हैं। Dudhsagar Waterfall दूधसागर  जलप्रपात – Dudhsagar Waterfall यह वॉटरफॉल भारत का चौथा सबसे ऊंचा Waterfall है। यहां से निकलता हुआ पानी आपको सफेद दूध जैसा दिखता है। इस कारण इसका नाम दूधसागर वाटरफॉल पड़ा। यहाँ Hiking और Tre

Kumbhalgarh Fort The Second Largest Wall In The World

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Kumbhalgarh Fort The  Second  Great Wall in the World Kumbhalgarh Fort राजस्थान ...इसका नाम आते ही हमारे दिमाग में जो पहली  तस्वीर आती है , वह है वीरों की भूमि और उनके द्वारा बनाए गए किले और महल । हम आपको, एक ऐसे किले के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि इंडिया का The great wall या Second Great Wall of the World कहा जाता है। मतलब चीन के बाद यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा दीवार है। हाल में ही  UNESCO ने World Heritage Site  के लिस्ट में इसको शामिल भी किया हैं। Kumbhalgarh Fort - Rajasthan  कुंभलगढ़ किला  - राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित, जिसे राणा कुंभा ने 13 मई 1459 को निर्माण करवाया था। जहां पर वीर महाराणा प्रताप का जन्म हुआ, और यही पन्नाधाय ने अपने पुत्र का बलिदान देकर उदय सिंह का पालन पोषण किया था। ये वही कुंभलगढ़ है, जो कि बार-बार शत्रुओं के आक्रमण के बाद भी अजेय रहा। क्यों ना हो, यहां इस किले में एक से एक वीरों ने जन्म जो लिया। Largest wall of the world  कुंभलगढ़  किले के चारों तरफ बहुत बड़ी दीवार बनाई गई हैं, जिस पर 8 घोड़े एकसाथ दौड़ सकते है, यह 36 किमी लम्बी और

मैक्लॉडगंज MacLeod Ganj बौद्धों का धार्मिक स्थान

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मैक्लॉडगंज MacLeod Ganj ध र्मशाला Dharamshala से  कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित मशहूर पर्यटक स्थल मैक्लोडगंज, जहां बारिश की फुहार पड़ती है, तो शहर का हर हिस्सा जैसे खिल उठता है और मन अपने आप ही सैर करने को मचलने लगता है। धर्मशाला के दो हिस्से हैं अपर धर्मशाला और लोअर धर्मशाला। निचला हिस्सा धर्मशाला और ऊपरी मैक्लॉडगंज कहलाता है। Dharamshala बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा अपने शिष्यों के साथ यहां आकर बसे थे। मैक्लोडगंज बौद्धों का तीर्थ स्थल भी है। इस जगह को मिनी ल्हासा भी कहा जाता है। यहां की सबसे मशहूर जगह, दलाई लामा का मंदिर और उस से सटी नामग्याल मोनेस्ट्री है। पर्वत की ऊंची-नीची चोटियां पर बर्फ के निशान। चीड़ और देवदार के हरे-भरे पेड़ हर किसी के मन को अपनी ओर खींचते हैं। अपनी इस खूबसूरती की वजह से यहां की वादियों के मनमोहक दृश्य पर्यटकों के जेहन में हमेशा के लिए बस जाते हैं। Dharamshala/ Mcleodganj  - यहां घूमने आने के लिए कम से कम दो-तीन दिन का समय निकालकर जरूर आएं। War Memorial Dharamshala वॉर मेमोरियल   War Memorial - धर्मशाला का एक

बर्फ़बारी में घूमने की जगह

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बर्फ़बारी में घूमने की जगह दिल्ली के आसपास इन हिल स्टेशनों पर बर्फ़बारी जमके हो रही है आजकल। अगर आप बर्फबारी के शौकीन हैं, तो इन सर्दियों में आपके पास बर्फबारी का मज़ा लेने का पूरा मौका है। और वह भी दिल्ली के आस-पास के इलाकों में। आज हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जमकर बर्फबारी हो रही है, और ये जगहें दिल्ली से ज्यादा दूर नहीं है। शिमला दिल्ली से 8 से 9 घंटे का सफर, आपको शिमला में पहुंचा सकती है। इस समय शिमला और कुफरी के इलाकों में स्नोफॉल के साथ-साथ बर्फ की मोटी परतें भी आपका स्वागत करती मिलेंगी। स्नोफॉल के इस दौरान पूरा शहर बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता है। बर्फबारी का मज़ा लेने के अलावा आप यहां अडवेंचरस ऐक्टिविटीज़ में भी हिस्सा ले सकते हैं। मनाली हिमाचल प्रदेश में स्थित मनाली, दिल्ली से रात भर का सफर है। मनाली के मॉल रोड से लेकर रोहतांग पास में सिर्फ बर्फ़ ही बर्फ  मिलेंगी। इस समय बर्फ देखने के लिए आपको रोहतांग भी जाने की जरूरत जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वैसे ज्यादा स्नोफॉल के कारण सुरक्षा की दृष्टि से, रोहतांग पास को बंद कर दिया

Kanatal Best Places To Visit

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कनाताल -  लेह लद्दाख की खूबसूरती यहाँ पर हैं।  पहाड़ और देवदार के जंगलों में स्थित कनाताल एक खूबसूरत लेकिन छोटा पर्यटन स्थल है।  Kanatal, Uttrakhand कनाताल , Delhi से 300 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ यह पर्यटन स्थल बहुत ही खूबसूरत हैं। अगर आप शांति की तलाश में हैं, शहरी जीवन से दूर, भीड़-भाड़ से अलग, कुछ समय अपने लिए जीना चाहते हैं, तो कानाताल आपके लिए एक परफेक्ट जगह होगी। New Delhi से सुबह की ट्रेन का या अपने गाड़ी का सफर, दोपहर में जाकर देहरादून में खत्म होगा। अगर ट्रेन से है तो देहारादून मे टैक्सी से Kanatal का सफर आपको तय करना होगा। जोकि ढाई से तीन घंटे का हैं, और अगर अपनी गाड़ी है तो कुछ खाने पीने के बाद यहा से निकल लीजिये।  देहारादून से निकलते ही घुमावदार रास्ते और पहाड़िया आपको अपने आग़ोश में लेना शुरू कर देंगी। मसूरी की खूबसूरत पहाड़ों और घुमावदार रास्ते को देखते-देखते धनोल्टी और फिर कानाताल कब पहुंच जाएंगे, आपको पता भी नहीं चलेगा। यहाँ शाम को सनसेट का जो नजारा होता है, वो शब्दों में बयान नही किया जा सकता। ऐसा लगता हैं, कि चारों तरफ़ एक सुनहरी चादर पहाड़ो पर फैला दी गई हो, लेकिन