Talbehat Fort सीने में कई रहस्य को समेटे हुए हैं
|
Talbehat Fort |
भारत में ऐसे बहुत से हौंटेड प्लेस हैं जहां सूर्यास्त के बाद जाना मना है। उन्हीं में से एक तालबेहात का किला है, जो खूबसूरत वास्तुकला और विशाल होने के साथ-साथ अपने सीने में कई रहस्य को समेटे हुए है।
India's Most Haunted Place In Hindi
कहा जाता है कि 150 साल पहले यहां पर बहुत बड़ी अनहोनी घटना हुई थी, जिसने इस किले के भाग्य को बदल कर रख दिया और इसे एक हौंटेड प्लेस का नाम दे दिया गया।
|
Mansarovar Lake |
उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले में स्थित इस तालबेहात गांव में करीब 200 साल पुराना एक किला है। जो तालबेहात किला हौंटेड प्लेस के नाम से प्रसिद्ध है।
सन 1850 के आसपास ललितपुर जिला भानपुर के राजा मर्दन सिंह थे, वे तालबेहात कभी कभार आते-जाते रहते थे इसीलिए तालबेहात में उन्होंने एक सुंदर किला बनवाया था।
Mandu Fort मांडू किले की रहस्यमय कहानी
प्रहलाद सिंह, जो मर्दन सिंह के पिता थे, वह यहां पर रहा करते थे। मर्दन सिंह ने 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई के साथ अंग्रेज़ो के खिलाफ लड़ाई मेँ योगदान दिया था, इस कारण बुंदेलखंड के लोग मर्दन सिंह को एक योद्धा और क्रांतिकारी के रूप के रूप में जानते थे और उनकी बहुत इज्ज्ज़्त किया करते थे।
|
Talbehat Fort |
तालबेहात किला की कहानी
लोगों के मुताबिक अक्षय तृतीया के दिन यहां पर नेग मांगने की प्रथा होती थी और इस प्रथा के अनुसार सात लड़कियां नेग मागने राजा के पास जाया करती थी। उस दिन भी अक्षय तृतीया थी और सात लड़कियां राजा मर्दन सिंह के इस किले में नेग मांगने पहुंच गई। प्रहलाद सिंह इस समय महल में अकेला था, उसने लड़कियों को देखा तो इन लड़कियों की इज्जत पर बुरी नजर डाल दी, जिससे बेबस होकर लड़कियों ने वही बुर्ज़ से कूदकर अपनी जान दे दी।
सात लड़कियों की आत्महत्या से ललितपुर गांव में हाहाकार मच गया। मर्दन सिंह ने उनको श्रद्धांजलि देनेऔर प्रायश्चित करने के लिए उन सात लड़कियों के चित्र को किले के दरवाजे पर अंकित करवा दिए, जो किले के मुख्य द्वार पर अंकित है जिसके कारण आज भी इस गांव में अक्षय तृतीया मनाना अशुभ माना जाता है, क्योंकि किले से आज भी उन सात लड़कियों की चीखें कभी-कभी सुनाई देती रहती हैं। इस कारण अक्षय तृतीया के दिन महिलाएं वहां पर जाकर उन सात लड़कियों की पूजा-अर्चना करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
यह किला बेहद खूबसूरत और भव्य है। किले के अंदर दर्शनीय स्थलों में तीन मन्दिर हैं, जो अंगद, हनुमानजी और नरसिंह देवता को समर्पित हैं। किले के किनारे पर मानसरोवर नाम की एक सुंदर झील भी है, जो इस किले की खूबसूरती को चार चांद लगाती है। जिसमें पर्यटकों के लिए नौकाएं और अन्य जल क्रीड़ायें करने का इंतजाम होता हैं। यहीं पर मानसरोवर झील के किनारे हजारिया महादेव जी का पुराना मंदिर भी है, जिसकी यहाँ के लोगों मेँ बहुत मान्यता हैं।
तालबेहात कैसे जाएं - ललितपुर तालबेहात रेलवे स्टेशन भोपाल-झांसी मार्ग से जुड़ा होने के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी जुड़ा हुआ है। जिससे पर्यटकआसानी से आ जा सकते है।
Comments
Post a Comment